बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को बनाए रखना - सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) - छूट का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को बनाए रखना - सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) - छूट का विस्तार
भारिबै/2020-21/91 05 फरवरी 2021 सभी अनुसूचित बैंक महोदया/महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) कृपया सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) पर दिनांक 27 मार्च 2020 के हमारे परिपत्र विवि.सं.वि.बीसी.52/12.01.001/2019-20, दिनांक 4 दिसंबर 2020 के परिपत्र विवि.सं.आरआरबी.सं.28/31.01.001/2020-21 और 28 सितंबर 2020 को जारी प्रेस विज्ञप्ति सं.2020-2021/401 का संदर्भ लें, जिसमें बैंकों को एमएसएफ़ के तहत सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में एक प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट देकर उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल), अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के तीन प्रतिशत तक निधि का लाभ उठाने की अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो शुरू में 30 जून, 2020 तक उपलब्ध थी, बाद में इसे 31 मार्च, 2021 तक चरणों में विस्तारित किया गया था, जो बैंकों को उनकी तरलता आवश्यकताओं पर सुविधा प्रदान करने वाला था और साथ ही उनके चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाता था। 2. जैसा कि 05 फरवरी, 2021 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों के वक्तव्य में घोषित किया गया है, बैंकों को उनकी चलनिधि आवश्यकताओं के संबंध में सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से, बैंकों को एमएसएफ छूट को छह महीने की एक और अवधि अर्थात 30 सितंबर 2021 तक जारी रखने की अनुमति है। भवदीय (थॉमस मैथ्यू) |