विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
06 अगस्त 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य चलनिधि और विनियामक उपायों सहित विभिन्न विकासात्मक उपायों को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. ऑन टैप टीएलटीआरओ योजना – समय- सीमा का विस्तार विशिष्ट क्षेत्रों, जिसका पिछली और आगे दोनों से जुड़ाव हैं और जिनका संवृद्धि पर गुणक प्रभाव पड़ता है, में गतिविधि के पुनरुद्धार पर चलनिधि उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, रिज़र्व बैंक ने 9 अक्टूबर 2020 को पांच क्षेत्रों के लिए ऑन टैप टीएलटीआरओ योजना की घोषणा की थी, जो कि 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध थी। कामथ समिति द्वारा पहचाने गए दवाबग्रस्त क्षेत्रों को भी 4 दिसंबर 2020 को योजना के दायरे में लाया गया और बाद में 5 फरवरी 2021 को एनबीएफसी को बैंक ऋण दिया गया। 7 अप्रैल को, इस योजना को छह महीने की अवधि के लिए, अर्थात 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया था। नवजात और नाजुक आर्थिक बहाली को देखते हुए, अब ऑन टैप टीएलटीआरओ योजना को तीन महीने की अवधि अर्थात 31 दिसंबर 2021 तक आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। 2. सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) - छूट का बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताएं (एनडीटीएल) में अतिरिक्त एक प्रतिशत तक सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को कम करते हुए अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत निधि का लाभ उठाने की अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो शुरू में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, बाद में चरणों में 31 मार्च 2021 तक और फिर से 30 सितंबर 2021 तक छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दी गई, जिससे बैंकों को उनकी चलनिधि आवश्यकताओं पर सुलभता प्राप्त हो और उन्हें उनकी चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाया जा सकें। यह व्यवस्था ₹1.62 लाख करोड़ की सीमा तक निधि की पहुंच प्रदान करती है और एलसीआर के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तरल आस्ति (एचक्यूएलए) के रूप में पात्र है। अब एमएसएफ छूट को तीन महीने की अतिरिक्त अवधि अर्थात 31 दिसंबर 2021 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। II. विनियामक उपाय 3. लिबोर पारगमन - दिशानिर्देशों की समीक्षा लंदन अंतर- बैंक प्रस्तावित दर (लिबोर) पारगमन एक महत्वपूर्ण इवेंट है जो बैंकों और वित्तीय प्रणाली को चुनौतियां देती है। रिज़र्व बैंक ने 8 जून 2021 को एक सूचना जारी की थी जिसमें बैंकों और अन्य रिज़र्व बैंक-विनियमित संस्थाओं को ऐसे नए वित्तीय संविदा, जो लिबोर को संदर्भ दर के रूप में उपयोग करता है, को निष्पादित करने से रोकने के लिए प्रोत्साहित किया गया था और इसके स्थान पर जितना व्यवहार्य हो सके और किसी भी हाल में 31 दिसंबर 2021 तक, किसी अन्य वैकल्पिक संदर्भ दर (एआरआर) का उपयोग करने के लिए कहा गया था। रिज़र्व बैंक विनियमित संस्थाओं और वित्तीय बाजारों के लिए एक सुचारु पारगमन सुनिश्चित करने के लिए, आवश्यकतानुसार, सक्रिय रूप से कदम उठाने के लिए बैंकों और बाजार निकायों के साथ जुड़ रहा है। इस संदर्भ में, यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण और डेरिवेटिव संविदाओं के पुनर्गठन से संबंधित दिशानिर्देशों में नीचे दिए गए अनुसार संशोधन किया जाए। (i) विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण - बेंचमार्क दर अधिकृत डीलरों को वर्तमान में लिबोर/यूरो-लिबोर/यूरिबोर संबंधित ब्याज दरों पर पोतलदान से पहले माल की खरीद, प्रसंस्करण, निर्माण या पैकिंग के वित्तपोषण के लिए निर्यातकों को विदेशी मुद्रा (पीसीएफसी) में पूर्व-पोतलदान क्रेडिट प्रदान करने की अनुमति है। बेंचमार्क दर के रूप में लिबोर के निकट में बंद होने को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को संबंधित मुद्रा में किसी अन्य व्यापक रूप से स्वीकृत वैकल्पिक संदर्भ दर का उपयोग करके निर्यात ऋण प्रदान करने की अनुमति दी जाए। (ii) बैंकों के तुलनपत्र से इतर एक्सपोजर के लिए विवेकपूर्ण मानदंड - डेरिवेटिव संविदाओं की पुनर्रचना डेरिवेटिव संविदाओं के लिए, मौजूदा निर्देशों के अनुसार, मूल संविदा के किसी भी मानदंड (पैरामीटर) में परिवर्तन को एक पुनर्रचना के रूप में माना जाता है और पुनर्रचना की तारीख पर संविदा के मार्क-टू-मार्केट मूल्य में परिणामी परिवर्तन का नकद निपटान किया जाना आवश्यक है। चूंकि लिबोर से संदर्भ दर में निकट परिवर्तन एक "अप्रत्याशित घटना" है, बैंकों को सूचित किया जा रहा है कि संदर्भ दर में लिबोर /लिबोर-संबंधित बेंचमार्क से वैकल्पिक संदर्भ दर में परिवर्तन को पुनर्रचना नहीं माना जाएगा। 4. समाधान ढांचा 1.0. के तहत वित्तीय मानकों की उपलब्धि के लिए समय- सीमा को स्थगित करना 6 अगस्त 2020 को घोषित कोविड-19 संबंधित दवाब के लिए समाधान ढांचा के तहत लागू की गई समाधान योजनाओं को पाँच वित्तीय मापदंडों जिनमें से चार, जो उधार लेने वाली इकाई के परिचालन निष्पादन से संबंधित हैं, अर्थात कुल ऋण ईबीआईडीटीए अनुपात में (कुल ऋण/ईबीआईडीटीए), वर्तमान अनुपात, ऋण सेवा कवरेज अनुपात और औसत ऋण सेवा कवरेज अनुपात, के संबंध में अधिसूचित क्षेत्र विशिष्ट थ्रेसहोल्ड को 31 मार्च 2022 तक पूरा करना आवश्यक है। कारोबार के पुनरुद्धार पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव और परिचालन मापदंडों को पूरा करने में आने वाली कठिनाई को देखते हुए, उपरोक्त मापदंडों के संबंध में निर्दिष्ट सीमाओं को पूरा करने के लिए लक्ष्य तिथि को 1 अक्टूबर 2022 तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। कुल बाह्य देयताओं/समायोजित कुल निवल मूल्य (टीओएल/एटीएनडब्ल्यू) के मापदंड के संबंध में, यह अनुपात संशोधित पूंजी संरचना (अर्थात, ऋण-इक्विटी मिश्रण) को दर्शाता है, जैसा कि समाधान ढांचे के लिए कार्यान्वयन शर्तों के तहत आवश्यक है और समाधान योजना के हिस्से के रूप में अग्रिम रूप से सघन होने की उम्मीद थी। तदनुसार, इसे प्राप्त करने की तारीख अपरिवर्तित रहेगी, अर्थात 31 मार्च 2022। इससे संबंधित परिपत्र, 7 सितंबर 2020 के पिछले निर्देशों को संशोधित करते हुए, शीघ्र ही जारी किया जाएगा। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/645 |