RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79171690

निर्यात / आयात लेनदेनों का भुगतान/नपटान उन मुद्राओं में करना जिनकी प्रत्यक्ष विनिमय दर उपलब्ध नहीं होती है

भारिबैंक/2015-16/307
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 42

4 फरवरी 2016

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

निर्यात / आयात लेनदेनों का भुगतान/नपटान उन मुद्राओं
में करना जिनकी प्रत्यक्ष विनिमय दर उपलब्ध नहीं होती है

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंकों का ध्यान प्राप्ति और भुगतान के तरीके से संबन्धित, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 14/आरबी-2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत से किए गए निर्यातों की आगम राशि और भारत में किए गए आयातों के लिए भुगतान, समय-समय पर, रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत व्यापारियों को जारी निदेशों के अनुसार प्राप्त की जा सकती है / किया जा सकता है।

2. इस प्रक्रिया को और उदार बनाने तथा निर्यातों और आयातों संबंधी लेनदेनों के भुगतान के लिए मुक्त रूप में परिवर्तनीय मुद्रा में की गई इन्वाइसिंग और लाभार्थी की मुद्रा में भुगतान करने के लिए, जो हालांकि परिवर्तनीय है किन्तु जिसके लिए प्रत्यक्ष विनिमय दर उपलब्ध नहीं होती है, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक निम्नलिखित शर्तों के अंतर्गत ऐसे निर्यातों और आयातों संबंधी लेनदेनों के लिए (एशियाई समाशोधन प्रणाली से किए जाने वाले लेनदेनों को छोडकर) अनुमति प्रदान कर सकते हैं:

  1. निर्यातक/आयातक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी –I बैंक का ग्राहक हो,

  2. हस्ताक्षरित संविदा / इन्वाइस मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में हो,

  3. लाभार्थी मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में मूल रूप में जारी इन्वाइस / की गई संविदा/ जारी साख-पत्र के बजाय लाभार्थी की मुद्रा में पूर्ण और अनित्म भुगतान प्राप्त करने का इच्छुक हो,

  4. प्राधिकृत व्यापारी लेनदेन की सदाशयता (bonafides) से संतुष्ट हो, और;

  5. निर्यात/आयात से संबन्धित काउंटर पार्टी उस देश अथवा भू-क्षेत्र से न हो जिसे FATF के अद्यतन पब्लिक स्टेटमेंट में उच्च जोखिम अथवा असहयोगी क्षेत्राधिकार माना गया हो एवं जिसके संबंध में FATF ने प्रति उपाय करने का आह्वान किया हो।

3. उपर्युक्त परिवर्तनों को सम्मिलित करने के लिए 2015-16 के मास्टर निदेश सं.16 (माल और सेवाओं का निर्यात) तथा 2015-16 के मास्टर निदेश सं.17 (माल और सेवाओं का आयात) को तदनुसार अद्यतन कर दिया गया है।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।

5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(बी. पी. कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?