बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना
आरबीआइ/2009-10/195 28 अक्तूबर 2009 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय/महोदया बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - कृपया उपर्युक्त विषय पर 03 नवंबर 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 73/12.02.001/ 2008-09 देखें। 2. 27 अक्तूबर 2009 को जारी मौद्रिक नीति 2009-10 की दूसरी तिमाही की समीक्षा में की गयी घोषणा के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि 7 नवंबर 2009 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बढ़ाकर उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 25 प्रतिशत कर दिया जाए। 3. इससे संबंधित 28 अक्तूबर 2009 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 50 /12.02.001/2009-10 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय (विनय बैजल) अनुलग्नक : यथोक्त बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 50/12.02.001/2009-10 28 अक्तूबर 2009 अधिसूचना समय-समय पर यथासंशोधित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 24 की उप-धारा (2क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, तथा 03 नवंबर 2008 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 72/12.02.001/2008-09 में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा यह निर्दिष्ट करता है कि 7 नवंबर 2009 को प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य बैंक 08 सितंबर 2009 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 40/12.02.001/2009-10 में यथावर्णित आस्तियां भारत में बनाए रखेगा जिनका मूल्य किसी भी दिन कारोबार की समाप्ति पर दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को भारत में कुल निवल मांग और मीयादी देयताओं के 25 प्रतिशत से कम नहीं होगा। (आनन्द सिन्हा) |