जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि योजना, 2014 – बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 26 क - परिचालन संबंधी दिशानिर्देशों पर स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि योजना, 2014 – बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 26 क - परिचालन संबंधी दिशानिर्देशों पर स्पष्टीकरण
भारिबैंक/2013-14/656 25 जून 2014 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/महोदया, जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि योजना, 2014 – बैंककारी विनियमन कृपया उपर्युक्त विषय पर दि 27 मई 2014 का परिपत्र बैंपविवि.सं.डीईएएफ कक्ष बीसी.114/30.01.002/2013-14 देखें। 2. जैसा कि उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2 में उल्लेख किया गया है, बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे (जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि (डीईएएफ), योजना, 2014 (योजना) में यथापरिभाषित) देय राशियों का विप्रेषण इलेक्ट्रोनिक रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की ई-कुबेर की पोर्टल सुविधा (कोर बैंकिंग सोल्यूशन) के माध्यम से योजना के लिए बनाए गए प्राधिकृत खाते, अर्थात् “डीईएएफ अकाउंट 161001006009” में करें । यह सुविधा ई-कुबेर पोर्टल के “डीईएएफ सर्विस” मेनू के अंतर्गत उपलब्ध है । “डीईएएफ सर्विस” की बेहतर समझ के लिए पोर्टल के सांकेतिक स्क्रीन शाट्स अनुबंध में दिए जा रहे हैं। तदनुसार, योजना के पैरा 3(vi) तथा 3(vii) के अनुसार जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि (निधि) में अंतरण की जाने योग्य राशि को, ऊपर बताए अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखे गए डीईएएफ खाते में माह के अंतिम कार्यदिवस पर बैंकिंग कारोबार समय के दौरान जमा किया जा सकता है । बैंकों को सूचित किया जाता है कि ‘ई-कुबेर’ के ‘इंटरेस्ट बियरिंग’ फील्ड में केवल ब्याज सहित जमाराशियों से संबंधित राशि तथा खातों की संख्या दर्शाई जाए। ‘ई-कुबेर’ के ‘नान-इंटरेस्ट बेयरिंग’ फील्ड में सिर्फ ब्याज रहित जमाराशियों से संबंधित राशि तथा खातों की संख्या दर्शाई जाए। ‘ई-कुबेर’ के ‘अदर्स’ फील्ड में सिर्फ अन्य क्रेडिट्स (ब्याज सहित जमाराशियों तथा ब्याज रहित जमाराशियों के अलावा) से संबंधित राशि तथा खातों की संख्या दर्शाई जाए। अन्य क्रेडिट्स ब्याज रहित होंगी। 3. जैसा कि योजना के पैरा 4 (ii) में विनिर्दिष्ट किया गया है, दावे के संबंध में निधि से ब्याज , यदि देय हो , तो यह खाते के जमाशेष को निधि में अंतरित किए जाने की तारीख से लेकर ग्राहक/जमाकर्ता को भुगतान किए जाने की तारीख तक के लिए ही देय होगा। निधि द्वारा ब्याज केवल ब्याज सहित जमाराशियों संबंधी दावे, यदि कोई हो, के लिए निधि में राशि अंतरण करने की तारीख से देय होगा। निधि से वापस लौटाई गई ऐसी राशि के संबंध में कोई ब्याज देय नहीं होगा, जिसके लिए बैंक द्वारा ग्राहक/जमाकर्ता को कोई ब्याज देय नहीं था। 4. योजना के पैरा 3(vi) के अनुसार बैंक प्रभावी तारीख से एक दिन पहले, अर्थात् 23 मई 2014 को सभी खातों में उपचित ब्याज सहित संचयी शेष की गणना करेंगे तथा ऐसी देय राशियों को 30 जून 2014 को बैंकिंग समय की समाप्ति से पूर्व जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता निधि में जमा किया जाना चाहिए। तथापि, जहां तक ऐसे खातों में उपचित ब्याज की गणना का प्रश्न है, योजना के पैराग्राफ 3(v) में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि "बैंक उप-पैराग्राफ (iii) में विनिर्दिष्ट संपूर्ण राशि निधि को अंतरित करेगा, जिसमें ऐसा उपचित ब्याज शामिल है, जो निधि में अंतरण की तारीख को बैंक द्वारा ग्राहक/जमाकर्ता को अदा किया जाना अपेक्षित है।" यह पुनः स्पष्ट किया जाता है कि बैंकों द्वारा ऐसी सभी ब्याज सहित अदावी जमाराशियां, जिन्हे 30 जून 2014 को निधि में अंतरित किया जाना है, पर निधि में अंतरण की तारीख तक उपचित ब्याज को भी खाते में जमा किया जाना है। उदाहरणार्थ, यदि कोई बैंक 30 जून 2014 को किसी अदावी बचत बैंक खाता की शेष राशि अंतरित करता है, तो बैंक को 29 जून 2014 तक के लिए ब्याज उस खाते में अदा करना होगा। निधि द्वारा 30 जून 2014 से ग्राहक को अदायगी की तारीख तक रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिसूचित ब्याज की दर से ब्याज की अदायगी की जाएगी । 5. उसके बाद, जैसाकि योजना के पैरा 3(vii) में उल्लिखित है, बैंक प्रत्येक कैलेंडर माह में देय होने वाली राशियां (अर्थात् दस वर्ष या उससे अधिक अवधि के लिए निष्क्रिय खातों की राशियां और अदावी शेष राशियां) तथा ब्याज सहित खातों पर अंतरण की तारीख तक उपचित ब्याज परवर्ती महीने के अंतिम कार्य दिवस पर निधि में अंतरित करेंगे। 6. उपर्युक्त विधि से शेष को निधि में अंतरित करने से पहले बैंकों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इनके संबंध में उस तारीख तक देय कर की कटौती सहित सभी कानूनी दायित्व पूरे कर लिए गए हैं अथवा उसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। भवदीय, (सुदर्शन सेन) |