जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना, 2014 – बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 26 क – बैंकों में अदावी जमाराशियाँ/निष्क्रिय खाते –बैंकों की वेबसाइट पर निष्क्रिय खातों की सूची को अद्यतन करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना, 2014 – बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 26 क – बैंकों में अदावी जमाराशियाँ/निष्क्रिय खाते –बैंकों की वेबसाइट पर निष्क्रिय खातों की सूची को अद्यतन करना
आरबीआय/2014-15/442 2 फरवरी 2015 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रिय महोदय/ महोदया जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना, 2014 – बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 26 क – बैंकों में अदावी जमाराशियाँ/निष्क्रिय खाते –बैंकों की वेबसाइट पर निष्क्रिय खातों की सूची को अद्यतन करना कृपया 07 फरवरी 2012 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं.एलईजी.बीसी.81/09.07.005/2011-12 तथा 2 फरवरी 2015 का परिपत्र बैंपविवि.सं.डीईएएफ कक्ष बीसी.66/30.01.002/2014-15 देखें, जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे क्रमशः 30 जून 2012 तथा 31 मार्च 2015 तक ऐसी अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों की सूची अपनी संबंधित वेबसाइट पर प्रदर्शित करें जो दस वर्ष या उससे अधिक समय से अपरिचालित / निष्क्रिय हैं । यह सूचित किया गया था कि वेबसाइट पर प्रदर्शित सूची में अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों के संबंध में केवल खाताधारक(कों) के नाम तथा उनके पते होने चाहिए । ऐसे मामलें में, जहां खाते व्यक्तियों के नाम पर न हों, वहाँ खाता परिचालन करने के लिए प्राधिकृत व्यक्तियों के नाम भी दिए जाने चाहिए। तथापि, बैंक की वेबसाइट पर खाता संख्या, उसका प्रकार तथा शाखा के नाम का प्रकटन नहीं किया जाना चाहिए । इसके अतिरिक्त, बैंक भारत सरकार द्वारा अधिसूचित जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना 2014 (योजना) पर 27 मई 2014 का परिपत्र बैंपविवि सं. डीईएएफ कक्ष. बीसी.114/30.01.002/2013-14 भी देखें । 2. उक्त योजना के पैरा 3 (vi) के अनुसार बैंक प्रभावी तारीख के पूर्व के दिन की स्थिति के अनुसार ऐसे सभी खातों के संचयी शेष की गणना करे तथा उपचित ब्याज के साथ इस राशि को अगले महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि (निधि) में अंतरित कर दे। उसके बाद योजना के पैरा 3 (vii) में उल्लेख किए गए अनुसार बैंक योजना में यथाविनिर्दिष्ट प्रत्येक कैलेंडर माह में देय होने वाली राशि (अर्थात 10 वर्ष अथवा उससे अधिक समय से निष्क्रिय खातों की राशि तथा अदावी जमाशेष) और उस पर उपचित ब्याज अगले माह के अंतिम कार्यदिवस पर निधि में अंतरित करें । 3. यह पाया गया है कि बैंक अपनी वेबसाइट पर ऐसी अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों की सूची को अद्यतन नहीं कर रहे हैं, जो दस वर्ष या उससे अधिक समय से निष्क्रिय हैं। अतएव, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे कम से कम मासिक आधार पर अपनी वेबसाइट को अद्यतन करें और इसके लिए: i) उस माह/अवधि के दौरान जिन खाताधारकों की जमाराशियाँ निधि में अंतरित की गई हैं, उनके नाम और पते शामिल करें। ii) उस माह की अवधि के दौरान बैंकों द्वारा जिन खाताधारकों के दावों को स्वीकार किया गया है, उनके नाम और पतों को सूची से हटा दें। ऐसा करते समय बैंकों को निधि से धन-वापसी की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है । भवदीय (ए. के. पाण्डेय) |