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व्यापार (ट्रेड) ऋण नीति – रुपये में मूल्यवर्गीकृत व्यापार ऋण

भारिबैंक/2015-16/175
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 13

10 सितंबर 2015

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक

महोदया/महोदय,

व्यापार (ट्रेड) ऋण नीति – रुपये में मूल्यवर्गीकृत व्यापार ऋण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान भारत में पूंजीगत और गैर-पूंजीगत माल के आयात के लिए समुद्रपारीय आपूर्तिकर्ता, बैंक, वित्तीय संस्था से व्यापार ऋण (क्रेता ऋण/आपूर्तिकर्ता ऋण) लेने से संबन्धित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 3/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 3 के साथ पठित उक्त विनियमावली के विनियम 6(3) की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. व्यापार ऋण व्यवस्था की संरचना (स्ट्रक्चरिंग) में बृहत्तर लचीलापन लाने के दृष्टिकोण से, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय आपूर्तिकर्ता समुद्रपारीय उधारदाता से ऋण करार करके निम्नलिखित फ्रेमवर्क के अंतर्गत रुपये में व्यापार ऋण ले सकते हैं :

  1. मौजूदा विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत अनुमत सभी मदों (स्वर्ण को छोडकर) के आयात के लिए व्यापार ऋण लिया जा सकता है;

  2. गैर-पूंजीगत माल के आयात के लिए व्यापार ऋण पोत लदान की तारीख से एक वर्ष अथवा परिचालन चक्र (ऑपरेटिंग साइकल) में से, जो भी कम हो, की अवधि के लिए लिया जा सकता है;

  3. पूंजीगत माल के आयात के लिए व्यापार ऋण की अवधि पोत लदान की तारीख से पाँच वर्षों के लिए हो सकती है;

  4. अनुमत अवधि के बाद प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक द्वारा इस संबंध में कोई रोलओवर / समय विस्तार नहीं दिया जा सकता है;

  5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक प्रति आयात लेनदेन के लिए 20 मिलियन अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य व्यापार ऋण लेने की अनुमति दे सकते हैं;

  6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंकों को पोत लदान की तारीख से अधिकतम 3 वर्षों की अवधि के लिए व्यापार ऋण के बाबत गारंटी, वचनपत्र अथवा चुकौती आश्वासनपत्र देने की अनुमति है;

  7. रुपये में मूल्यवर्गीकृत व्यापार ऋण की समग्र लागत प्रचलित बाज़ार शर्तों के अनुरूप होनी चाहिए;

  8. व्यापार ऋण से संबन्धित सभी अन्य दिशानिर्देश रुपये में मूल्यवर्गीकृत व्यापार ऋण के लिए भी लागू होंगे।

3. रुपये में मूल्यवर्गीकृत व्यापार ऋण देने वाले ओवरसीज उधारदाता भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक के द्वारा ऑन-शोर बाज़ार में उपलब्ध डेरिवेटिव उत्पादों के जरिये रुपये में अपने एक्स्पोज़र/रों को हेज करने के लिए पात्र होंगे। हेजिंग से संबन्धित आवश्यक दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं।

5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।

भवदीय,

(बी.पी.कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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