भारत में आयात हेतु व्यापार ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में आयात हेतु व्यापार ऋण
भारिबैंक/2012-13/337 14 दिसंबर 2012 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत में आयात हेतु व्यापार ऋण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान 11 सितंबर 2012 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 28 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. व्यापार ऋण संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की कंपनियों को, जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर वाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी वर्तमान दिशानिर्देशों में यथा परिभाषित है, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा वर्गीकृत पूँजीगत माल के आयात के लिए पाँच वर्षों की अधिकतम अवधि तक के लिए व्यापार ऋण लेने की अनुमति दी जाती है बशर्ते (i) व्यापार ऋण प्रारंभ में पंद्रह महीनों से कम अवधि के लिए संविदागत नहीं होने चाहिए और अल्पावधि रोल ओवर के स्वरूप के नहीं होने चाहिए; एवं (ii) प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को तीन वर्षों से अधिक की विस्तारित अवधि के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ता, बैंक और वित्तीय संस्था के पक्ष में साख पत्रों/ गारंटियों/ वचन पत्रों/ लेटर आफ कंफर्ट जारी करने हेतु अनुमति नहीं है। 3. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि व्यापार ऋण के संबंध में प्रारंभिक पंद्रह महीने की क्रेता की क्रेडिट (buyer's credit) की शर्त को और शिथिल करके मौजूदा व्यापार ऋण के लिए छह माह कर दिया जाए। हालांकि, क्रेता की साख पर ऋण के लिए प्रारंभिक 15 महीने संबंधी शर्त भावी व्यापार ऋणों के संबंध में लागू बनी रहेगी। 4. व्यापार ऋण नीति से संबंधित सभी अन्य पहलू अपरिवर्तित बने रहेंगे और उनका अनुपालन किया जाना चाहिए। संशोधित व्यापार ऋण नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी और वह इस संबंध में प्राप्त अनुभव के तहत समीक्षा के अधीन है। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (रश्मि फौज़दार) |