भारत में आयात हेतु व्यापार ऋण – समग्र कीमत उच्चतम सीमा की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में आयात हेतु व्यापार ऋण – समग्र कीमत उच्चतम सीमा की समीक्षा
भारिबैंक/2011-12/479 30 मार्च 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, भारत में आयात हेतु व्यापार ऋण – समग्र कीमत उच्चतम सीमा की समीक्षा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण की उच्चतम सीमा से संबंधित 15 नवंबर 2011 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 44 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. वैश्विक वित्तीय बाजार की घटनाओं और घरेलू आयातकों द्वारा मौजूदा समग्र उच्चतम सीमा में व्यापार ऋण प्राप्ति में महसूस की जा रही कठिनाइयों संबंधी तथ्यों पर विचार करते हुए, व्यापार ऋण के लिए समग्र उच्चतम सीमा 15 नवंबर 2011 से 6 माह के लिबोर + 350 आधार अंक तक, और 31 मार्च 2012 को पुनरीक्षा की शर्त के अधीन, बढ़ायी गयी थी । पुनरीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि व्यापार ऋणों के संबंध में बढ़ायी गयी समग्र उच्चतम सीमा और छ: माह की अवधि के लिए बनाये रखी जाए :
समग्र कीमत उच्चतम सीमा में प्रबंधकर्ता का शुल्क, अप फ्रंट शुल्क, प्रबंधन शुल्क, हैंडिलिंग/प्रोसेसिंग चार्जेज, जेबखर्च और विधिक व्यय, यदि कोई हों, शामिल होंगे। 3. समग्र कीमत लागत सीमा 30 सितंबर 2012 तक लागू और तदुपरांत समीक्षा के अधीन है । व्यापार ऋण संबंधी नीति के सभी अन्य पहलू यथावत् रहेंगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से संबंधित अपने घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (डॉ. सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद)
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