मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय /महोदया
केंद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008
कृपया उपर्युक्त विषय पर हमारे 23 मई 2008 के परिपत्र.सं.43 /13.05.000 /2008-09 के साथ प्रेषित कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008 का पैरा 10 देखें । परिपत्र में यह सूचित किया गया है कि ऋण प्रदान करनेवाली प्रत्येक संस्था को एक या उससे अधिक शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि ऋण के संबंध में लिए गए निर्णय पर किसान के अभ्यावेदनों का निवारण किया जा सकें । केरल उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत एक रिट याचिका में केरल उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की है कि समय बीतने के साथ शिकायत निवारण अधिकारियों के निर्णयों पर भारत के संविधान के अनुच्छेट 226 के अतर्गत चुनौतियां दी गयी हैं । इससे रिट के कार्यक्षेत्र में मुकदमों की संख्या में वृद्धि होगी तथा सीमांत कृषकों को शिकायत निवारण के लिए रिटक्षेत्राधिकार पर निर्भर होना अनिवार्य होगा ।
2. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि "जब कभी भी शिकायत निवारण अधिकारी एक व्यक्ति का योजना का लाभार्थी किसान होने का दावा स्वीकृत नहीं करेंगे तब शिकायत निवारण अधिकारी को अपने निर्णय के कारण स्पष्ट करने के लिए बाध्य होंगे " । केरल उच्च न्यायालय के उक्त सुझावों पर ध्यान देते हुए यह सूचित किया जाता है कि शिकायत निवारण अधिकारी एडीडब्ल्यूडीआर योजना के अधीन प्राप्त शिकायतों का निवारण दावे की स्वीकृति /अस्वीकृति सकारण आदेश के साथ पारदर्शक रूप में करें ।
3. आप इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें ताकि एडीडब्ल्यूडाआर योजना, 2008 के अंतर्गत पात्र किसानों के अनुरोधों पर सार्थक रूप से विचार किया जा सकें ।
4. मामले को अतितत्काल समझे ।
भवदीया
(उमा शंकर) मुख्य महाप्रबंधक
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