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वर्ष 2005 से पहले जारी किये गये बैंकनोटों की सभी श्रृंखलाओं को वापिस लेना

आरबीआई/2013-14/509
डीसीएम (आयो)सं. जी-19/3880/10.27.00/2013-14

मार्च 3, 2014

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदया / महोदय

वर्ष 2005 से पहले जारी किये गये बैंकनोटों
की सभी श्रृंखलाओं को वापिस लेना

कृपया उपर्युक्त विषय पर 23 जनवरी 2014 का हमारा परिपत्र डीसीएम (आयो)सं. जी-17/3231/10.27.00/2013-14 और उसके बाद जारी 24 जनवरी 2014 (प्रतिलिपि संलग्न) की प्रेस विज्ञप्ति का संदर्भ लें ।

2 मामले की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि पूर्व 2005 के बैंकनोटों की विनिमय की तारीख 1 जनवरी 2015 तक बढ़ायी जाये । इन अनुदेशों को 3 मार्च 2014 की प्रेस विज्ञप्ति में शामिल किया गया है (प्रतिलिपि संलग्न)।

3 आपको सूचित किया जाता है कि जनता को बिना किसी भी प्रकार की असुविधा के पूर्ण मूल्य के लिए ऐसे नोटों के विनिमय की सुविधा प्रदान करें । ये नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे और जनता किसी भी लेनदेन/भुगतान के लिए उनका उपयोग जारी रख सकती है ।

4 जैसाकि सूचित किया गया है, कृपया आप अपनी सभी शाखाओं को आम जनता को विनिमय सुविधा प्रदान करने और 2005 के पूर्व जारी बैंकनोटों की श्रृंखलाओं के नोटों को पुन: जारी न करने के अनुदेश दें । कृपया यह भी सुनिश्चित करें कि ऐसे नोट आपके काउंटरों पर / एटीएम के माध्यम से वितरित नहीं किये जाये । उपर्युक्त संदर्भित 23 जनवरी 2014 के परिपत्र के पैरा 3 में निहित पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोटों पर कार्यवाही के लिए अपनायी जानेवाली कार्यप्रणाली अपरिवर्तित रहेगी ।

5 क्या करना चाहिए (dos) और क्या नहीं करना चाहिए (don'ts) की एक सूची आपके मार्गदर्शन के लिए संलग्न की जा रही है ।

6 कृपया प्राप्ति सूचना दें ।

भवदीय

(बी पी विजयेन्द्र)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

अनु : 3 शीट


क्या करना चाहिए(DOs)

1. बैंकों को आम जनता को इस बात से अवगत कराना चाहिए कि पूर्व 2005 के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। बैंकों को अर्ध-शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में नोट विनिमय मेलों का आयोजन करने के प्रयास करने चाहिए।

2. पूर्व 2005 श्रृंखला से पहले जारी किये गये सभी मूल्यवर्ग के बैंकनोटों का विनिमय किया जाना है।

3. सभी बैंक शाखाओं द्वारा आम जनता, चाहे ग्राहक हो या गैर-ग्राहक, सभी से बिना रोक-टोक इन नोटों को स्वीकार कर उनका विनिमय करना चाहिए ।

4. बैंक शाखाओं में विनिमय की यह प्रक्रिया तत्काल आरंभ की जानी चाहिए और यह कार्य आम जनता की सुविधा के अनुसार किया जाना चाहिए।

5. नोटों का विनिमय निःशुल्क किया जाना चाहिए।

6. इन नोटों का मूल्य यदि ग्राहक चाहे, तो उसके खाते में जमा किया जा सकता है ।

7. इन नोटों के मूल्य की अदायगी भारतीय रिज़र्व बैंक, नोट वापसी विनियमावली, 2009 की शर्तों के अनुसार होंगी ।

क्या नहीं करना चाहिए(DON'Ts)

1. बैंकों को आम जनता की ओर से विनिमय किये जानेवाले बैंकनोटों की संख्या पर, कोई भी प्रतिबंध नहीं लगाना चहिए।

2. बैंकों को पूर्व 2005 श्रृंखला के नोट काउंटरों पर या एटीएम के माध्यम से जारी नहीं करने चाहिए।

3. मुद्रा तिजोरी शाखाओं को अपने सहलग्न शाखाओं से पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोटों को अस्वीकृत नहीं करना चाहिए।

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