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माइक्रो और लघु उद्यम (एमएसई) हेतु ऋण गारंटी योजना की समीक्षा करने के लिए कार्य-दल - एमएसई को संपार्श्विक रहित ऋण

भारिबैं/2009-10/449
ग्राआऋवि.एसएमइ एंड एनएफएस.बीसी.सं.79/06.02.31/2009-10

6 मई 2010

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा स्थानीय क्षेत्र बैंक सहित)

महोदय,

माइक्रो और लघु उद्यम (एमएसई) हेतु ऋण गारंटी योजना
की समीक्षा करने के लिए कार्य-दल - एमएसई को संपार्श्विक रहित ऋण

जैसाकि आपको ज्ञात है, माइक्रो और लघु उद्यम के लिए ऋण गारंटी निधि न्यास की ऋण गारंटी योजना (सीजीएस) की समीक्षा करने तथा उसके प्रयोग को बढ़ाने के उपाय सुझाने हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक कार्य-दल (अध्यक्ष : श्री वी. के.शर्मा, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक) गठित किया गया था। कार्य-दल की रिपोर्ट का विमोचन 6 मार्च 2010 को किया गया जो हमारे वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है। कार्य-दल ने अन्य बातों के साथ-साथ सिफारिश की कि -

"एमएसई क्षेत्र को संपार्श्विक रहित ऋण सीमा को 5 लाख रूपए के वर्तमान स्तर से 10 लाख रुपए तक बढ़ाया जाए तथा बैंकों के लिए यह अनिवार्य किया जाए। उसके बदले बैंक सीजीएस के अंतर्गत संपार्श्विक रहित ऋण सुविधाओं के लिए कवर ले सकते हैं। सीजीएस को बढ़ाने के उद्देश्य से योजना की प्रमुख विशेषताएं तथा लाभों के बारे में व्यापक जागरुकता निर्मित करना आवश्यक है। चूंकि शाखा स्तर के पदाधिकारियों को संपार्श्विक के बदले उधार देने में अभिरूचि होती है, कार्य-दल यह सिफारिश करता है कि बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीइओ) सीजीएस कवर का उपभोग करने हेतु शाखा स्तर के पदाधिकारियों को प्रभावशाली ढंग से प्रोत्साहित करने का पूर्ण रूप से स्वामित्व ग्रहण कर लें तथा इसमें उनके फील्ड स्टाफ का मूल्यांकन करने में इससे संबंधित कार्य-निष्पादन को एक मानदंड बनाना शामिल करें।"

उपर्युक्त सिफारिशें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकार की गई हैं। तदनुसार, दिनांक 24 अगस्त 2009 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई एंड एनएफएस.बीसी.सं.16/06.02.31(पी)/2009-10 में आशोधन करते हुए बैंकों के लिए अनिवार्य किया गया है कि वे एमएसई क्षेत्र की इकाइयों को प्रदान 10 लाख रुपए तक के ऋण के मामलों में संपार्श्विक जमानत स्वीकार न करें।

2. बैंक अपनी शाखा स्तर के पदाधिकारियों को सीजीएस कवर का उपभोग करने हेतु प्रभावशाली ढंग से प्रोत्साहित करें जिसमें उनके फील्ड स्टाफ के मूल्यांकन में इससे संबंधित कार्य-निष्पादन को एक मानदंड बनाना शामिल हो।

3. कृपया आप इस संबंध में अतिसावधानीपूर्वक और कड़े अनुपालन हेतु अपनी शाखाओं/नियंत्रक कार्यालयों को उचित अनुदेश जारी करें।

4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय

(आर.सी.षडंगी)
मुख्य महाप्रबंधक

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