BE (A) WARE – वित्तीय धोखाधड़ियों की कार्य-प्रणाली संबंधी पुस्तिका - आरबीआई - Reserve Bank of India
BE (A) WARE – वित्तीय धोखाधड़ियों की कार्य-प्रणाली संबंधी पुस्तिका
7 मार्च 2022 BE (A) WARE – वित्तीय धोखाधड़ियों की कार्य-प्रणाली संबंधी पुस्तिका रिज़र्व बैंक ने आज, धोखाधड़ी करने वालों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आम कार्य-प्रणाली और विभिन्न वित्तीय लेन-देन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर "BE(A)WARE" नामक एक पुस्तिका जारी की है। पिछले कुछ वर्षों में देखे गए भुगतान के डिजिटल माध्यमों में वृद्धि ने कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान और गति प्राप्त की। डिजिटल भुगतान, वित्तीय लेनदेन को आसान बनाकर ग्राहकों की सुविधा को बढ़ाता है। वे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में भी योगदान करते हैं। हालांकि, धोखाधड़ी करने वाले, विभिन्न चालाक पद्धतियों के माध्यम से भोली-भाली जनता के साथ नए तरीके से धोखाधड़ी कर रहे हैं। लोकपाल कार्यालयों और भारतीय रिज़र्व बैंक के उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण कक्षों (सीईपीसी) में प्राप्त शिकायतों के मूल कारण विश्लेषण से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि ग्राहकों द्वारा जानबूझकर या अनजाने में गोपनीय सूचना को साझा करना वित्तीय धोखाधड़ी के प्रमुख कारणों में से एक है। तदनुसार, आज जारी की गई पुस्तिका का उद्देश्य डिजिटल भुगतान और अन्य वित्तीय लेनदेन करते समय भोले-भाले ग्राहकों के साथ किए गए विभिन्न प्रकार के वित्तीय धोखाधड़ी के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है। पुस्तिका में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले धोखाधड़ी की तकनीकों, जैसे कि ऋण प्रदान करने वाले नकली वेबसाइट और डिजिटल ऐप सहित सिम स्वैप, विशिंग / फ़िशिंग लिंक, लॉटरी, आदि के विरुद्ध सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया है। पुस्तिका के भाग ए और बी में क्रमशः आमतौर पर देखी जाने वाली कार्य-प्रणाली और बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से संबंधित धोखाधड़ी वाले लेनदेन के विरुद्ध बरती जाने वाली सावधानियों का विवरण दिया गया है। पुस्तिका के भाग सी में जनता द्वारा आम तौर पर बरती जाने वाली सावधानियों और डिजिटल सुरक्षा के बारे में बताया गया है। अंतिम खंड में बैंकों और आरबीआई की अन्य विनियमित संस्थाओं के साथ वित्तीय लेनदेन करते समय आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली शब्दों से संबंधित शब्दावली शामिल है, ताकि जनता के बीच इसकी समझ और बढ़ सके। पुस्तिका, किसी की भी व्यक्तिगत जानकारी को हमेशा गोपनीय रखने, अज्ञात कॉल / ईमेल / संदेशों आदि के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता पर जोर देती है और वित्तीय लेनदेन करते समय बरती जाने वाली उचित सावधानियों को भी रेखांकित करती है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1817 |