भारतीय प्रत्यक्ष निवेश संस्थाओं की विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों संबंधी गणना, 2019-20 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय प्रत्यक्ष निवेश संस्थाओं की विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों संबंधी गणना, 2019-20
01 अप्रैल 2021 भारतीय प्रत्यक्ष निवेश संस्थाओं की विदेशी देयताओं और आज, रिज़र्व बैंक ने विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफ़एलए) संबंधी वार्षिक गणना के 2019-20* दौर के अनंतिम परिणामों को जारी किया, जिसमें आवक/जावक प्रत्यक्ष निवेश (डीआई) संस्थाओं की सीमा-पारीय देयताएँ और परिसंपत्तियाँ शामिल हैं। इन संस्थाओं में कंपनियां, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी), वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) और साझेदारी फर्म शामिल हैं। नवीनतम गणना के दौर में रिपोर्ट की गयी 30,753 संस्थाओं में से 27,801 के पास अपने बैलेंस शीट में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) और / या समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) था। इनमें से, 22,881 संस्थाओं ने पिछले गणना दौर में और 4,920 ने वर्तमान दौर में रिपोर्ट किया; पिछले दौर की 2,128 संस्थाओं ने वर्तमान दौर में रिपोर्ट नहीं किया। लगभग तीन-चौथाई रिपोर्ट करने वाली आवक प्रत्यक्ष निवेश कंपनियाँ विदेशी कंपनियों की सहायक (अर्थात, एकल विदेशी निवेशक जो कुल इक्विटी का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखते हैं) थीं । गणना में (क) सीमा-पारीय प्रत्यक्ष निवेश और अन्य निवेश के कारण उत्पन्न भारतीय डीआई कंपनियों की विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों के बाजार मूल्य; और (ख) अन्य व्यावसायिक मापदंडों (गतिविधि क्षेत्र, बिक्री, खरीद, निर्यात और आयात) पर व्यापक जानकारी शामिल होती है। बकाया परिसंपत्ति / देयताओं में परिवर्तन वर्ष के दौरान भुगतान संतुलन (बीओपी) सांख्यिकी में दर्ज प्रवाह से अलग होगा, क्योंकि पूर्व में मूल्य, विनिमय दर परिवर्तन और अन्य परिवर्तनों के कारण मूल्यांकन परिवर्तन भी शामिल होंगे। प्रमुख निष्कर्ष:
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/02 *: 2018-19 की गणना के दौर को शामिल करते हुए श्रृंखला में जारी पिछला आंकड़ा, आरबीआई की वेबसाइट पर 17 अप्रैल 2020 को प्रकाशित किया गया था। # गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की इक्विटी का बाजार मूल्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के समन्वय प्रत्यक्ष निवेश सर्वेक्षण (सीडीआईएस) गाइड (2015) में निर्धारित स्वयं के निधि बही मूल्य (ओएफबीवी) पद्धति के अनुसार संकलित किया गया है। |