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लाइबोर की समाप्ति: पूर्ण परिवर्तन

12 मई 2023

लाइबोर की समाप्ति: पूर्ण परिवर्तन

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं को एक परामर्शी (एडवाइजरी) जारी किया, जिसमें 01 जुलाई 2023 से लंदन अंतर-बैंक प्रस्तावित दर (लाइबोर) से पूर्ण परिवर्तन सुनिश्चित करने हेतु कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। परामर्शी के मुख्य संदेशों में निम्नलिखित शामिल है:

  1. बैंकों/वित्तीय संस्थानों (एफ़आई) को यह सुनिश्चित करने हेतु सूचित किया गया है कि उनके द्वारा या उनके ग्राहकों द्वारा किए गए कोई भी नए लेन-देन यूएस$ लाइबोर या मुंबई अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा प्रस्तावित दर (माइफॉर) पर आधारित या मूल्य निर्धारित न हों।

  2. फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफ़बीआईएल) 30 जून 2023 के बाद माइफॉर प्रकाशित करना बंद कर देगी।

  3. बैंकों/एफ़आई को सूचित किया जाता है कि वे यूएस$ लाइबोर (माइफॉर को संदर्भित लेन-देन सहित) को संदर्भित करने वाले शेष सभी लीगेसी वित्तीय संविदाओं में शीघ्रातिशीघ्र फॉलबैक अंतर्वेश सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।

  4. बैंकों/एफ़आई से अपेक्षित है कि उन्होंने लाइबोर से पूर्ण परिवर्तन के प्रबंधन हेतु प्रणालियों और प्रक्रियाओं को विकसित कर लिया होगा।

रिज़र्व बैंक, लाइबोर से सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए बैंकों/एफ़आई के प्रयासों की निगरानी करना जारी रखेगा।

पृष्ठभूमि

वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए), यूके ने 05 मार्च 2021 के एक प्रेस वक्तव्य में घोषित किया कि सभी लाइबोर सेटिंग्स या तो किसी भी व्यवस्थापक द्वारा प्रदान करना बंद किया जाए या अब वे निम्नानुसार प्रतिनिधिक नहीं होंगी:

  • सभी पाउंड स्टर्लिंग, यूरो, स्विस फ़्रैंक और जापानी येन सेटिंग्स और 1-सप्ताह और 2-माह यूएस डॉलर सेटिंग्स के मामले में 31 दिसंबर 2021 के तुरंत बाद; और

  • शेष अमेरिकी डॉलर सेटिंग्स के मामले में, 30 जून 2023 के तुरंत बाद।

लाइबोर से पूर्ण परिवर्तन, वैश्विक वित्तीय बाजारों में एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसके लिए परिचालन जोखिमों को कम करने और एक व्यवस्थित परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों से निरंतर ध्यान देना अपेक्षित है। भारतीय रिज़र्व बैंक लाइबोर परिवर्तन के मुद्दों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रहा है और दिनांक 08 जुलाई 2021 को "लाइबोर परिवर्तन के लिए रोडमैप" पर एक परामर्शी जारी किया था, जिसमें बैंकों/एफ़आई को, अन्य बातों के साथ-साथ, व्यापक रूप से स्वीकृत वैकल्पिक संदर्भ दर (एआरआर), जितनी शीघ्र संभव हो सके और किसी भी स्थिति में 31 दिसंबर 2021 तक, का उपयोग करके लेनदेन करने और लाइबोर से जुड़े प्रासंगिक वित्तीय संविदाओं में मजबूत फ़ॉलबैक क्लॉज़ रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/221

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