आर विवरणियों का संकलन : विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स) - आरबीआई - Reserve Bank of India
आर विवरणियों का संकलन : विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स)
29 फरवरी 2012 आर विवरणियों का संकलन : विदेशी मुद्रा लेनदेन - दिनांक 13 मार्च 2004 के ए.पी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या 77 तथा दिनांक 25 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या 30 के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक ने आर विवरणियों के संकलन तथा विदेशी मुद्रा लेनदेन - इलेक्ट्रॉनिक रिपोर्टिंग प्रणाली (फेटर्स) के अंतर्गत रिपोर्टिंग के लिए सभी प्राथमिक व्यापारी श्रेणी -I बैंकों को दिशानिर्देश जारी किया है। पुन: समीक्षा के बाद रिज़र्व बैंक ने फेटर्स के अंतर्गत आर विवरणियों की रिपोर्टिंग में अगले वित्तीय वर्ष (अर्थात् 1 अप्रैल 2012 से किए जाने वाले लेनदेन) से निम्नलिखित परिवर्तनों के बारे में सूचित किया है : i) फेटर्स में विदेशी मुद्रा लेनदेन के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग के लिए प्रयोजन कोडों को संशोधित किया गया है। तदनुसार, सभी प्राथमिक व्यापारी श्रेणी-I बैंक, सभी विदेशी मुद्रा लेनदेन की रिपोर्ट अप्रैल 2012 के पहले पखवाड़े से संशोधित प्रयोजन कोड सूची के अनुसार करें। ii) सभी प्रथमिक व्यापारी बैंक फेटर्स के अंतर्गत , सभी विदेशी मुद्रा लेनदेन (रुपये 5 लाख से कम के गैर-निर्यात लेनदेन के अंतर्गत प्राप्तियों सहित) के लिए प्रयोजन कोडों का उल्लेख करें। रुपये 5 लाख से कम के गैर-निर्यात लेनदेन की रिपोर्टिंग की वर्तमान प्रणाली (ए) भुगतान संतुलन फाईल में समेकित आधार पर तथा (बी) ऐसी छोटी रसीदों के लेनदेन (फेटर्स के अंतर्गत यूआरएस फाईल में आर विवरणी के एक भाग के रूप में) के नमूने के प्रयोजनवार वितरण की प्रस्तुति को 31 मार्च 2012 के बाद लेनदेन के लिए बंद कर दिया जाएगा। iii) सभी फेटर्स फाईलों में राशि क्षेत्र को 15-अंकीय फार्मेट तक बढ़ाया जाएगा। iv) 6-अंकीय कोड का फेटर्स के अंतर्गत रिपोर्टिंग के लिए समान रूप में उपयोग किया जाएगा। [दिनांक 29 फरवरी 2012 कर ए.पी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या 84] अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1393 |