निजी क्षेत्र के बैंकों के समामेलन पर व्यापक मास्टर निदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
निजी क्षेत्र के बैंकों के समामेलन पर व्यापक मास्टर निदेश
21 अप्रैल 2016 निजी क्षेत्र के बैंकों के समामेलन पर भारतीय रिज़र्व बैक ने निजी क्षेत्र के बैंकों के समामेलन पर मास्टर निदेश आज जारी किए। आज जारी किए गए इन मास्टर निदेशों में इस विषय पर अब तक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए सभी संगत अनुदेशों का संकलन है और ये मास्टर निदेश भारत में परिचालन हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त निजी क्षेत्र के सभी बैंकों के लिए लागू होंगे तथा ये समुचित रूप से उसी हद तक रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर लागू होंगे। पृष्ठभूमि भारतीय रिज़र्व बैंक ने 29 सितंबर 2015 के चौथे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में घोषित निर्णय के अनुसरण में अनुपालन प्रक्रिया को प्रभावी बनाने की दृष्टि से जनवरी 2016 से सभी विनियामकीय स्वरूप के मामलों पर मास्टर निदेश जारी करना शुरू किया है। इन मास्टर निदेशों में बैंकिंग मुद्दों और विदेशी मुद्रा लेनदेनों सहित विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित नियमों व विनियमों के अनुदेशों का संकलन होता है। मास्टर निदेश जारी करने की प्रक्रिया के अंतर्गत प्रत्येक विषय के लिए जारी किए जाने वाले मास्टर निदेश में उस विषय से संबंधित सभी अनुदेशों को शामिल किया जाता है। वर्ष के दौरान नियमों, विनियम या नीति में किए गए परिवर्तनों की सूचना परिपत्रों/प्रेस प्रकाशनियों के माध्यम से दी जाएगी। जब भी नियमों/विनियमों में परिवर्तन या नीति में परिवर्तन किया जाता है तब मास्टर निदेशों को तदनुसार उपयुक्त ढंग से साथ-साथ अद्यतन किया जाएगा। जहां आवश्यक हो, मास्टर निदेशों के जारी होने के बाद अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के माध्यम से नियमों व विनियमों को आसान भाषा में स्पष्ट किया जाएगा। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2471 |