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2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

पहली तिमाही अर्थात् अप्रैल-जून 2024-25 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्‍तुत किए गए हैं।  

2024-25 की पहली तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य बातें

  • भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2023-24 की पहली तिमाही में 8.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.0 प्रतिशत) से मामूली रूप से बढ़कर 2024-25 की पहली तिमाही में 9.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) हो गया, जबकि 2023-24 की चौथी तिमाही में अधिशेष 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.5 प्रतिशत)1 था।2
  • वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर सीएडी में वृद्धि मुख्य रूप से वाणिज्य वस्तु व्यापार घाटे में वृद्धि के कारण हुई, जो कि 2023-24 की पहली तिमाही के 56.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की पहली तिमाही में 65.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।  
  • निवल सेवा प्राप्तियां वर्ष-दर-वर्ष आधार पर बढ़कर 2024-25 की पहली तिमाही में 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं, जो एक वर्ष पहले 35.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर थीं। कंप्यूटर सेवाओं, व्यावसायिक सेवाओं, यात्रा सेवाओं और परिवहन सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वृद्धि हुई है।
  • निजी अंतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषिण को दर्शाती हैं, 2023-24 की पहली तिमाही के 27.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की पहली तिमाही में 29.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं।
  • प्राथमिक आय खाते पर निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, 2023-24 की पहली तिमाही के 10.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की पहली तिमाही में 10.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
  • वित्तीय खाते में, निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अंतर्वाह 2024-25 की पहली तिमाही में 2023-24 की इसी अवधि में 4.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के अंतर्गत निवल अंतर्वाह 2023-24 की पहली तिमाही के 15.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 0.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।
  • भारत में बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के अंतर्गत निवल अंतर्वाह 2024-25 की पहली तिमाही में 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो एक वर्ष पहले इसी अवधि में 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था।
  • अनिवासी जमाराशियों (एनआरआई जमाराशियाँ) में 4.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया, जो एक वर्ष पहले के 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
  • 2024-25 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में (बीओपी आधार पर) 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 24.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी (तालिका 1)।

तालिका 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें

(बिलियन अमेरिकी डॉलर)

 

अप्रैल-जून 2023 पीआर

अप्रैल-जून 2024 पी

 

जमा

नामे

निवल

जमा

नामे

निवल

क. चालू खाता

221.6

230.6

-8.9

241.6

251.4

-9.7

1. वस्तु

104.9

161.6

-56.7

111.2

176.3

-65.1

जिसमें से:

 

 

 

 

 

 

       पीओएल

19.0

41.8

-22.8

20.7

51.5

-30.8

2. सेवाएं

80.6

45.4

35.1

88.5

48.7

39.7

3. प्राथमिक आय

9.0

19.2

-10.2

12.5

23.2

-10.7

4. द्वितीयक आय

27.1

4.3

22.9

29.5

3.1

26.4

ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा

181.8

172.5

9.4

264.5

255.3

9.2

जिसमें से:

 

 

 

 

 

 

1. प्रत्यक्ष निवेश

19.3

14.6

4.7

23.4

17.1

6.3

2. पोर्टफोलियो निवेश

89.8

74.0

15.7

159.8

158.9

0.9

3. अन्य निवेश

67.6

53.6

14.1

75.0

64.3

10.7

जिसमें से:

 

 

 

 

 

 

एनआरआई जमाराशियाँ

18.9

16.7

2.2

23.4

19.4

4.0

भारत को ईसीबी

13.2

7.7

5.6

8.5

6.7

1.8

4. आरक्षित आस्तियाँ
[वृद्धि (-)/कमी (+)]

0.0

24.4

-24.4

0.0

5.2

-5.2

ग. भूल-चूक (-) (क+ख)

0.0

0.4

-0.4

0.6

0.0

0.6

पीआर: आंशिक रूप से संशोधित; और पी: प्रारंभिक।

नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।

 

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1185


[1] 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए चालू खाता अधिशेष को पहले के 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटाकर 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया गया, जिसका कारण वाणिज्य वस्तु आयात पर सीमा शुल्क डेटा का ऊर्ध्वगामी समायोजन था।

[2] https://website.rbi.org.in/hi/web/rbi/-/press-releases/developments-in-india-s-balance-of-payments-during-the-fourth-quarter-january-march-of-2023-24. दीर्घावधि शृंखला के आंकड़ों के लिए कृपया देखें: CIMS DBIE (rbi.org.in) › Statistics › External Sector › International Trade › Quarterly/Yearly.

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