2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां
तीसरी तिमाही अर्थात् अक्तूबर - दिसंबर 2023-24 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस् तुत किए गए हैं।
2023-24 की तीसरी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं
भारत के चालू खाते के शेष में 2023-24 की तीसरी तिमाही में 10.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया, जो कि 2023-24 की दूसरी तिमाही1 के 11.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) और एक वर्ष पहले [अर्थात , 2022-23 की तीसरी तिमाही]2 के 16.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.0 प्रतिशत) से कम है।
2022-23 की तीसरी तिमाही के दौरान व्यापारिक व्यापार घाटा 71.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 71.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से थोड़ा अधिक था।
सॉफ्टवेयर, व्यापार और यात्रा सेवाओं के बढ़ते निर्यात के कारण सेवा निर्यात में वर्ष - दर - वर्ष आधार पर 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। निवल सेवा प्राप्तियों में क्रमिक रूप से और एक वर्ष पहले की तुलना में वृद्धि हुई, जिससे चालू खाते के घाटे को कम करने में मदद मिली।
प्राथमिक आय खाते पर निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, एक वर्ष पहले के 12.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 13.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
निजी अंतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से समुद्रपारीय कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषण का प्रतिनिधित्व करती हैं, 31.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहीं, जो एक वर्ष पहले इसी अवधि के दौरान उनके स्तर से 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
वित्तीय खाते में, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने 2022-23 की तीसरी तिमाही में 2.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवल अंतर्वाह की तुलना में 4.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 12.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया, जो 2022-23 की तीसरी तिमाही के दौरान 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
2023-24 की तीसरी तिमाही में भारत में बाह्य वाणिज्यिक उधार में 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि एक वर्ष पहले यह 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह था।
अनिवासी जमाराशियों में एक वर्ष पहले के 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 3.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया।
2023-24 की तीसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में (बीओपी के आधार पर) 6.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि एक वर्ष पहले 11.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी (तालिका 1)।
अप्रैल - दिसंबर 2023 के दौरान बीओपी
भारत का चालू खाता घाटा न्यूनतर पण्य व्यापार घाटे के कारण अप्रैल - दिसंबर 2023 के दौरान जीडीपी का 1.2 प्रतिशत हो गया, जो एक वर्ष पहले इसी अवधि में जीडीपी का 2.6 प्रतिशत था।
मुख्य रूप से सेवाओं और अंतरण के कारण अप्रैल - दिसंबर 2023 के दौरान निवल अदृश्य प्राप्तियां एक वर्ष पहले की तुलना में अधिक थीं।
अप्रैल - दिसंबर 2023 के दौरान निवल एफडीआई अंतर्वाह 8.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो अप्रैल - दिसंबर 2022 के दौरान 21.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था।
अप्रैल - दिसंबर 2023 के दौरान, पोर्टफोलियो निवेश में 32.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि के दौरान 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह हुआ था।
अप्रैल - दिसंबर 2023 में, विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में 32.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (बीओपी के आधार पर जिसमें मूल्यांकन प्रभाव शामिल नहीं है)।
तालिका 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
( बिलियन अमेरिकी डॉलर )
अक्तूबर - दिसंबर 2022
अक्तूबर - दिसंबर 2023 प्रा
अप्रैल - दिसंबर 2022
अप्रैल - दिसंबर 2023 प्रा
जमा
नामे
निवल
जमा
नामे
निवल
जमा
नामे
निवल
जमा
नामे
निवल
क . चालू खाता
227.5
244.3
-16.8
235.9
246.4
-10.5
683.9
749.5
-65.6
689.1
720.1
-31.0
1. वस्तु
105.6
176.9
-71.3
106.7
178.3
-71.6
340.3
553.0
-212.7
319.9
512.7
-192.8
जिसमें से :
पीओएल
22.7
52.0
-29.3
20.2
46.0
-25.8
73.6
158.6
-85.1
61.9
130.2
-68.3
2. सेवाएं
83.4
44.7
38.7
87.8
42.8
45.0
239.5
135.3
104.2
251.7
131.6
120.1
3. प्राथमिक आय
7.6
20.3
-12.7
10.0
23.2
-13.2
20.1
53.5
-33.3
30.7
66.1
-35.4
4. द्वितीयक आय
30.9
2.4
28.5
31.5
2.2
29.3
84.0
7.8
76.2
86.8
9.7
77.1
ख . पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा
176.3
158.5
17.8
215.4
204.1
11.3
549.5
482.5
67.1
603.2
571.4
31.7
जिसमें से :
मुद्रा भंडार में परिवर्तन ( वृद्धि (-)/ कमी (+))
0
11.1
-11.1
0
6.0
-6.0
14.7
0
14.7
0
32.9
-32.9
ग . भुल - चूक (-) ( क + ख )
0
1.0
-1.0
0
0.8
-0.8
0
1.4
-1.4
0
0.7
-0.7
प्रा : प्रारंभिक
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।
(योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2023-2024/2116
1 व्यापारिक आयात पर सीमा शुल्क डेटा के समायोजन के कारण 2023-24 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के प्रतिशत के रूप में चालू खाता घाटा पहले के 1.0 प्रतिशत से बढ़कर 1.3 प्रतिशत हो गया।