फेमा, 1999 के तहत विदेशी निवेश विनियमन को युक्तिसंगत बनाना – टिप्पणी हेतु मसौदा नियम/विनियम - आरबीआई - Reserve Bank of India
फेमा, 1999 के तहत विदेशी निवेश विनियमन को युक्तिसंगत बनाना – टिप्पणी हेतु मसौदा नियम/विनियम
9 अगस्त 2021 फेमा, 1999 के तहत विदेशी निवेश विनियमन को युक्तिसंगत बनाना – भारत के निवासी व्यक्ति द्वारा किए गए विदेशी निवेश तथा अचल संपत्तियों के अधिग्रहण को क्रमशः दिनांक 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंधन (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) विनियम, 2004] तथा दिनांक 21 जनवरी 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 7 (R)/2015-आरबी [विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत के बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण और हस्तांतरण) विनियम, 2015] में निहित प्रावधान द्वारा वर्तमान में अभिशासित किया जाता है। विनियामक ढांचे को और अधिक उदार बनाने और कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देने की दृष्टि से, यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी निवेश को नियंत्रित करने वाले मौजूदा प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाया जाए। सार्वजनिक परामर्श के बाद नियमों और विनियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज अपनी वेबसाइट पर दो दस्तावेज यथा, मसौदा विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण लिखत - विदेशी निवेश) नियम, 2021 और मसौदा विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी निवेश) विनियम, 2021 रखा है। सभी हितधारकों से मसौदा नियमों/विनियमों पर टिप्पणियां/फीडबैक आमंत्रित की जाती हैं। टिप्पणियां/ फीडबैक, "विदेशी निवेश नियमों और विनियमों के मसौदे पर प्रतिक्रिया" विषय के साथ ईमेल के माध्यम से 23 अगस्त 2021 तक अग्रेषित की जा सकती हैं। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/661 |