भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण सूचना कंपनियों (सीआईसी) में निवेश के नियमों को एकरूप बनाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण सूचना कंपनियों (सीआईसी) में निवेश के नियमों को एकरूप बनाया
19 मई 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण सूचना कंपनियों (सीआईसी) में निवेश के नियमों को एकरूप बनाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मार्च 2013 के अपने निदेश के अधिक्रमण में अपने निदेशों (डीबीआर.सीआईडी.बीसी.सं. 98/20.16.042/2015-16, दिनांक 19 मई 2016) को संशोधित किया जिसमें ऋण सूचना कंपनियों में उच्चतर प्रत्येक विदेशी निवेश करने के लिए उन संस्थाओं को अनुमति दी है जिनका सुविनियमित वातावरण में ऋण सूचना ब्यूरो चलाने का एक अच्छा स्थापित ट्रैक रिकार्ड है। संशोधन निम्नानुसार किया गया है: (क) 49 प्रतिशत तक यदि निवेशक कंपनी का स्वामित्व सुविविधीकृत नहीं है; (ख) 100 प्रतिशत यदि निवेशक कंपनी का स्वामित्व सुविविधीकृत है या यदि सुविविधीकृत नहीं है तो यह निवेशिती ऋण सूचना कंपनी के निदेशक बोर्ड की संरचना से संबंधित शर्तों के अधीन होगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई)/विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआई) के निवेश में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 10 प्रतिशत से कम इक्विटी होना चाहिए। वर्तमान में किसी व्यक्ति चाहे वह निवासी हो या नहीं हो, का निवेश प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से ऋण सूचना कंपनी (सीआईसी) की इक्विटी पूंजी के 10 प्रतिशत तक सीमित है। तथापि, रिज़र्व बैंक के निदेश (डीबीओडी.सीआईडी.बीसी.सं.74/20.16.042/2013-14 और 29 नवंबर 2013 की इसकी प्रेस प्रकाशनी सं. 1100) में निर्धारित शर्तों के अधीन एफडीआई के अंतर्गत 74 प्रतिशत निवेश की अनुमति दी गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने कतिपय शर्तों के अधीन स्वचालित माध्यम के अंतर्गत सीआईसी में विदेशी निवेश सीमा को संशोधित कर (अधिसूचना सं फेमा 362/2016-आरबी, दिनांक 15 फरवरी 2016) इसे 74 प्रतिशत से 100 प्रतिशत कर दिया। संगीता दास प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2699 |