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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सुरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल पर निदेशों की अवधि 6 जनवरी 2016 तक बढ़ाई

2 जुलाई 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सुरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड,
पश्चिम बंगाल पर निदेशों की अवधि 6 जनवरी 2016 तक बढ़ाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सुरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल पर लागू निदेशों की अवधि बढ़ाई है। उक्त बैंक पर निदेश अगले छह महीनों अर्थात 7 जुलाई 2015 से 6 जनवरी 2016 तक की अवधि के लिए लागू रहेंगे और ये समीक्षाधीन हैं। रिज़र्व बैंक ने शुरू में बैंक को इसकी बहुत अधिक खराब वित्तीय स्थिति के कारण 7 अप्रैल 2014 से छह महीनों के लिए निदेशाधीन किया था और इन निदेशों की वैधता को बाद में दो बार बढ़ाकर 6 जुलाई 2015 तक किया गया था।

रिज़र्व बैंक के निदेशों के अनुसार दि सुरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित निदेशों के अलावा किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्‍वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्‍वों की चुकौती से या अन्‍यथा से संबंधित क्‍यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्‍य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन उक्त बैंक अपने जमाकर्ताओं को प्रत्‍येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्‍य जमा खाते के कुल शेष में से 1,000/- (एक हजार रुपए मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति दे सकता है।

ये निदेश बैं‍ककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लागू किए गए थे। निदेशों की प्रतिलिपि इच्‍छुक आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्‍त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। उक्त बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करता रहेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/25

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