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भारतीय रिज़र्व बैंक ने केनरा बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

12 मई 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने केनरा बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2023 के आदेश द्वारा केनरा बैंक (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक (अग्रिम पर ब्याज दर) निदेश, 2016', भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016, 'बैंकों में अनुपालन कार्य', 'ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में ग्राहकों की सीमित देयता', 'बैंकों में ग्राहक सेवा' और 'भारतीय रिज़र्व बैंक - (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016' के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के प्रावधानों के अननुपालन के लिए 2.92 करोड़ (दो करोड़ बानवे लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए सांविधिक निरीक्षण (आईएसई) किया गया। किसी अन्य बैंक द्वारा रिपोर्ट किए गए उच्च मूल्य के धोखाधड़ी के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जुलाई 2020 में बैंक की जांच की गई। जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, जांच रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि (i) बैंक, अस्थिर दर वाले खुदरा ऋणों और एमएसएमई को दिए गए ऋणों पर ब्याज को बाह्य बेंचमार्क से जोड़ने में विफल रहा, (ii) बैंक, वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान स्वीकृत और नवीनीकृत अस्थिर दर वाले रुपये ऋणों पर ब्याज को निधियों की सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) से जोड़ने में विफल रहा, (iii) बैंक, अपात्र संस्थाओं के नाम पर कई बचत जमा खाते खोले, (iv) कई क्रेडिट कार्ड खातों में नकली मोबाइल नंबर पंजीकृत किए, (v) बैंक, दैनिक जमा योजना के तहत स्वीकार की गई जमाराशियों और खाता खोलने के 24 महीनों के भीतर समय-पूर्व आहरण पर किसी भी ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा (vi) बैंक ने ग्राहकों से एसएमएस अलर्ट शुल्क वास्तविक उपयोग के आधार पर नहीं वसूल किया, और (vii) बैंक, ग्राहक पर निरंतर उचित सावधानी बरतने और ग्राहक प्रोफ़ाइल के साथ असंगत लेनदेन होने पर अलर्ट उत्पन्न करने के लिए सुदृढ़ सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने में विफल रहा और इस सीमा तक बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का पता चला। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और ऐसे निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/222

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