भारतीय रिज़र्व बैंक ने धनलक्ष्मी बैंक लि., त्रिशूर, केरल पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने धनलक्ष्मी बैंक लि., त्रिशूर, केरल पर मौद्रिक दंड लगाया
23 अगस्त 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने धनलक्ष्मी बैंक लि., त्रिशूर, केरल पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 23 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा धनलक्ष्मी बैंक लि., त्रिशूर, केरल (बैंक) पर दिनांक 27 मई 2014 के ‘जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि योजना, 2014 - बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 26 ए- परिचालनगत दिशानिर्देश’ संबंधी आरबीआई के परिपत्र के साथ संलग्न जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि योजना 2014 (योजना) के अनुच्छेद 3 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 26 ए की उपधारा (2) के उल्लंघन के लिए ₹27.50 लाख (सत्ताईस लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड अधिनियम की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए सांविधिक निरीक्षण (आईएसई) और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट के परीक्षण तथा उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट (आईआर) से, अन्य बातों के साथ साथ यह पता चला कि योजना के साथ पठित अधिनियम के उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि योजना के साथ पठित अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए, जैसा कि उसमें कहा गया है। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि योजना के साथ पठित अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/731 |