भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. अम्बेडकर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, ग्वालियर (म.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. अम्बेडकर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, ग्वालियर (म.प्र.) पर मौद्रिक दंड लगाया
19 सितंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. अम्बेडकर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, ग्वालियर (म.प्र.) भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 13 सितंबर 2022 के आदेश द्वारा डॉ. अम्बेडकर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, ग्वालियर (म.प्र.) (बैंक) पर, आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी एक्सपोजर मानदंडों और सांविधिक/अन्य प्रतिबंधों तथा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में इसकी जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक सकल एक्सपोजर सीमा का अनुपालन नहीं किया, (ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर पार्टी एक्सपोजर सीमा का उल्लंघन किया, और (iii) अपने ग्राहकों के जोखिम निर्धारण की आवधिक समीक्षा सुनिश्चित नहीं की जिसके परिणामस्वरूप आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन हुआ। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तरों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/888 |