भारतीय रिज़र्व बैंक ने फिनक्वेस्ट फाइनेंशियल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने फिनक्वेस्ट फाइनेंशियल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
12 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने फिनक्वेस्ट फाइनेंशियल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा फिनक्वेस्ट फाइनेंशियल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016' और 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.20 लाख (एक लाख बीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए इसके सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि कंपनी ने (i) अपने उधारकर्ताओं का जोखिम वर्गीकरण नहीं किया, (ii) 7 कार्य दिवसों के भीतर शेयरों की संपार्श्विक के एवज में दिए गए ऋण के लिए 50% के एलटीवी अनुपात में कमी को पूरा नहीं किया, और (iii) मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सभी सीआईसी को डेटा रिपोर्ट नहीं किया। उक्त के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेश के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1096 |