भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर 'एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' और भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹13.60 लाख (तेरह लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया। विनियामक अनुदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों के परीक्षण के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि कंपनी के खिलाफ निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: कंपनी ने i) संदिग्ध लेनदेन की प्रभावी पहचान और रिपोर्टिंग हेतु अलर्ट देने के लिए एक सुदृढ़ सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं किया; ii) अपने उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के केवाईसी को समय-समय पर अद्यतन नहीं किया, जो कि उसके ग्राहकों के प्रति सतत उचित सावधानी बरतने के लिए अद्यतन किया जाना था; और iii) भारतीय रिज़र्व बैंक को ₹1 लाख से ऊपर की कतिपय धोखाधड़ियों की सूचना देने में विलंब की। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/2047 |