भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
4 जुलाई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 29 जून 2022 के आदेश द्वारा इंडसइंड बैंक लिमिटेड (बैंक) पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ पर आरबीआई द्वारा जारी कतिपय निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹1 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए आरबीआई द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचारों की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक द्वारा ओटीपी आधारित ई-केवाईसी का उपयोग करते हुए, गैर-आमने-सामने (नॉन फेस टू फेस) मोड में खोले गए खातों में ग्राहक समुचित सावधानी (सीडीडी) प्रक्रिया का पालन करने में विफल रहने की सीमा तक आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन का पता चला जिसमें (i) कतिपय खातों में, एक वित्तीय वर्ष में सभी जमाओं का कुल योग, एक साथ ली गई सभी जमाराशियों में, ₹2 लाख से अधिक था, और (ii) कतिपय सावधि जमा खाते ₹1 लाख से अधिक राशि के लिए खोले गए, जिनमें से कुछ में जमाराशि ₹2 लाख से अधिक थी। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और इन निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/473 |