भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, गुना, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, गुना, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
16 सितंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, गुना, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 16 सितंबर 2021 के आदेश द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, गुना, मध्य प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) के प्रावधानों, जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना, 2014 (योजना) और आरबीआई द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर जारी निदेशों के प्रावधानों का उल्लंघन/अननुपालन करने के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में निरीक्षण रिपोर्ट और अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि अधिनियम के प्रावधानों, योजना और केवाईसी पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के प्रावधानों और आरबीआई निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/875 |