भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया
27 मार्च 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 24 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक - (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 में निहित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के कतिपय प्रावधानों और 'सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹2.10 लाख (दो लाख दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23 (4) के साथ पठित धारा 25 (1) (iii) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया, तथा उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि (i) बैंक के पास मौजूदा ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण और केवाईसी दस्तावेजों के आवधिक अद्यतन की समीक्षा करने की प्रणाली नहीं थी; (ii) बैंक ने 31 मार्च 2022 तक तीन सीआईसी को डेटा (ऐतिहासिक डेटा सहित) प्रस्तुत नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का उल्लंघन हुआ। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखित प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1923 |