भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, दुर्ग, छत्तीसगढ़ पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, दुर्ग, छत्तीसगढ़ पर मौद्रिक दंड लगाया
16 नवंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, दुर्ग, छत्तीसगढ़ पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 16 नवंबर 2021 के एक आदेश द्वारा, नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, दुर्ग, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर शहरी सहकारी बैंकों को रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹2 लाख (केवल दो लाख रुपये) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट और अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि बैंक ने (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोजर सीमा का पालन नहीं किया (ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर पार्टी सीमा का पालन नहीं किया (iii) एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन में संदेहजनक लेन- देनों को पहचानने के लिए बैंक के पास कोई प्रणाली नहीं है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया था कि वे कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना जरूरी है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1205 |