भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई, छत्तीसगढ़ पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई, छत्तीसगढ़ पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 संबंधी निदेश के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है। बैंक ने (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया, और (ii) छह महीने में एक बार अपने ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा नहीं की।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/2091 |