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भारतीय रिज़र्व बैंक ने पंजाब नैशनल बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

7 जून 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पंजाब नैशनल बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 7 जून 2021 के आदेश द्वारा पंजाब नैशनल बैंक (बैंक) पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिनांक 1 जुलाई 2016 का “धोखाधड़ी - वाणिज्यिक बैंकों और चयनित वित्तीय संस्थानों द्वारा वर्गीकरण और रिपोर्टिंग” संबंधी मास्टर निदेश और दिनांक 11 सितंबर 2013 के परिपत्र “सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोजर का एक केंद्रीय भंडार का निर्माण" में निहित निदेशों के कतिपय प्रावधानों का अननुपालन के लिए 2 करोड़ (दो करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई) के लिए वैधानिक निरीक्षण रिज़र्व बैंक द्वारा 31 मार्च 2018 (आईएसई 2018) और 31 मार्च 2019 (आईएसई 2019) को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया था। आईएसई 2018 और 2019 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट की जांच से यह पता चला कि उपर्युक्त निदेश अर्थात धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग में देरी और सीआरआईएलसी प्लेटफॉर्म पर आरबीआई को डेटा जमा करते समय डेटा सटीकता और अखंडता सुनिश्चित नहीं करना का अननुपालन/उल्लंघन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उक्त निदेशों का ऐसा उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने तथा उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण के परीक्षण के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेश के अननुपालन/उल्लंघन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/332

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