भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक-इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक-इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया
26 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक-इंडिया पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 जून 2023 के आदेश द्वारा स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक-इंडिया (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹30.00 लाख (तीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2021) किया गया। आईएसई 2021 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट /निरीक्षण रिपोर्ट की जांच और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक में केवाईसी निदेशों के अनुपालन की समीक्षा और उससे संबंधित सभी पत्राचार से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने अपने कतिपय व्यक्तिगत ग्राहकों को एकाधिक ग्राहक पहचान कोड आबंटित किए। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उनमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और इस प्रकार के निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/476 |