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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

22 जुलाई 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 20 जुलाई 2022 के आदेश द्वारा सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) निदेश 2016’ के अननुपालन के लिए 57.75 लाख (सत्तावन लाख पचहत्तर हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया था और निरीक्षण रिपोर्ट (आईआर) और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि बैंक ने (i) धोखाधड़ी के कतिपय मामलों के संबंध में उनका पता लगाने की तारीख के तीन सप्ताह के भीतर आरबीआई को एफएमआर प्रस्तुत करने में तथा (ii) अपने कर्मचारियों द्वारा किए गए धोखाधड़ी के कतिपय मामलों की जानकारी राज्य पुलिस प्राधिकारियों को देने में विफल रहने की सीमा तक आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उक्त निदेशों, जैसा की उसमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और इन निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/578

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