भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अकोला डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अकोला (एम.एच) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अकोला डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अकोला (एम.एच) पर मौद्रिक दंड लगाया
3 सितंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अकोला डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अकोला (एम.एच) पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 3 सितंबर 2021 के आदेश द्वारा दि अकोला डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अकोला, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 में निहित आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के कतिपय प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक संदिग्ध लेनदेन की प्रभावी पहचान और निगरानी के हिस्से के रूप में अलर्ट देने के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करने में विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का पालन नहीं किया गया। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/809 |