RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

109210830

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बावला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2024 के आदेश द्वारा दि बावला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 'निदेशकों आदि को ऋण और अग्रिम – प्रतिभू /गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण' और 'मास्टर निदेश – अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016' के साथ पठित 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें वे रुचि रखते हैं, को ऋण और अग्रिम' पर जारी निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक ने (i) ऐसे ऋण स्वीकृत/नवीकृत किए जिसमें बैंक के निदेशकों के रिश्तेदारों को रुचि थी और ऐसे ऋण भी स्वीकृत/ नवीकृत किए जिसमें बैंक के निदेशकों के रिश्तेदार गारंटीकर्ता थे; और (ii) निर्धारित अवधि के अनुसार केवाईसी को जोखिम के आधार पर आवधिक रूप से अद्यतन नहीं किया।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/431

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?