भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि दिल्ली स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि दिल्ली स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली पर मौद्रिक दंड लगाया
19 दिसंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि दिल्ली स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 दिसंबर 2022 के आदेश द्वारा दि दिल्ली स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक - (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 के साथ-साथ ‘आवास वित्त' पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी - वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹30.85 लाख (तीस लाख पचासी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण और निरीक्षण रिपोर्ट तथा उससे संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) प्रभावी पहचान और संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्टिंग के भाग के रूप में किसी भी मजबूत सॉफ़्टवेयर का उपयोग नहीं किया, (ii) आवास वित्त संबंधी जोखिम सीमा का पालन नहीं किया और (iii) नाबार्ड को निर्धारित समय- सीमा के भीतर धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्टिंग नहीं की। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि सांविधिक निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक और नाबार्ड द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1411 |