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रिज़र्व बैंक ने दि गडहिंग्लज अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गडहिंग्लज, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

10 अगस्त 2021

रिज़र्व बैंक ने दि गडहिंग्लज अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गडहिंग्लज, महाराष्ट्र
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 09 अगस्त 2021 के एक आदेश द्वारा, गडहिंग्लज अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गडहिंग्लज, महाराष्ट्र (बैंक) पर रिज़र्व बैंक द्वारा निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्म/संस्थाओं, जिनके वे हितधारक है, को ऋण और अग्रिम पर जारी निदेशों ; बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए और धारा 36 के तहत आरबीआई द्वारा जारी पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा; एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक और अपने ग्राहकों को जानिए (केवाईसी) पर जारी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 10 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4)(i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए(1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट और, अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि बैंक ने (i) बैंक के एक निदेशक को अग्रिम ऋण प्रदान किया (ii) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरबीआई द्वारा जारी परिचालन निर्देशों का उल्लंघन करते हुए रियल एस्टेट क्षेत्र को नए ऋण दिए गए (iii) 5.00 लाख से अधिक के व्यक्तिगत गैर-जमानती अग्रिम प्रदान किए गए और (iv) खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की कोई प्रणाली लागू नहीं की। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया था कि वे कारण बताएं कि उक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने पर उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/666

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