भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कन्याकुमारी डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नागरकोइल, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कन्याकुमारी डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नागरकोइल, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया
22 मई 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कन्याकुमारी डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नागरकोइल, तमिलनाडु भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 मई 2023 के आदेश द्वारा दि कन्याकुमारी डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नागरकोइल, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए के अनुसार गठित जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि (डीईए निधि) में पात्र निधियों के अंतरण संबंधी निदेशों और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 के अननुपालन के लिए ₹7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने पात्र अदावी जमाराशियों को डीईए निधि में अंतरित नहीं किया तथा जोखिम वर्गीकरण और एक ही ग्राहक को कई ग्राहक पहचान कोड आवंटित करने आदि के संबंध में केवाईसी निदेशों के प्रावधानों का उल्लंघन किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उपर्युक्त निदेशों के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/263 |