भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया
31 अक्तूबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अक्तूबर 2022 के आदेश द्वारा दि प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक - (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹6 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए सांविधिक निरीक्षण तथा पर्यवेक्षी पत्र एवं उससे सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक (i) खातों के केवाईसी के आवधिक अद्यतन के लिए एक प्रणाली, (ii) खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की एक प्रणाली और (iii) प्रभावी पहचान और संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्टिंग की भाग के रूप में आगाह करने के लिए एक मजबूत सॉफ्टवेयर स्थापित करने में विफल रहा था। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1120 |