भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि यूनाइटेड पुरी-निमापारा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुरी, ओडिशा पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि यूनाइटेड पुरी-निमापारा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुरी, ओडिशा पर मौद्रिक दंड लगाया
25 जुलाई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि यूनाइटेड पुरी-निमापारा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुरी, ओडिशा भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 21 जुलाई 2022 के आदेश द्वारा दि यूनाइटेड पुरी-निमापारा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर, आरबीआई द्वारा जारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला है कि बैंक ने (i) अपने ग्राहकों का जोखिम वर्गीकरण करने और (ii) ग्राहकों के केवाईसी प्रोफाइल को समय-समय पर अद्यतन करने में विफलता की सीमा तक आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का उल्लंघन/ अननुपालन किया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2022-2023/588 |