भारतीय रिज़र्व बैंक ने दो भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दो भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों पर मौद्रिक दंड लगाया
20 अक्तूबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दो भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 01 अक्तूबर 2021 के एक आदेश द्वारा, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) की धारा 26 (2) में निर्दिष्ट स्वरूप के अपराध के लिए ₹1 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया था। वेस्टर्न यूनियन फाइनेंशियल सर्विसेज इंक (डब्ल्यूयूएफएसआई), एक धन अंतरण सेवा – क्रॉस-बॉर्डर इन-बाउंड सेवा (केवल ग्राहक से ग्राहक तक) ऑपरेटर - को 22 फरवरी 2017 के धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस निदेश) पर मास्टर निदेश में निहित निदेशों के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए ₹27,78,750 (सत्ताईस लाख, अट्ठहत्तर हजार, सात सौ पचास रुपये मात्र) का दंड लगाते हुए दिनांक 07 अक्तूबर 2021 को एक कंपाउंडिंग आदेश भी जारी किया गया था। पीएसएस अधिनियम की धारा 30 और धारा 31 के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दंड लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य संस्था द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि प्राधिकरण के अंतिम प्रमाण पत्र (सीओए) जारी करने के लिए पीपीबीएल के आवेदन की जांच करने पर, यह पाया गया कि पीपीबीएल द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी तथ्यात्मक स्थिति को नहीं दर्शाती थी। चूंकि यह पीएसएस अधिनियम की धारा 26 (2) में उल्लिखित स्वरूप का अपराध था, पीपीबीएल को एक नोटिस जारी किया गया था। लिखित उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। डब्ल्यूयूएफएसआई ने कैलेंडर वर्ष 2019 और 2020 के दौरान प्रति लाभार्थी 30 प्रेषण की सीमा के उल्लंघन की घटना सूचित की थी, और उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए एक आवेदन दायर किया था। व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और कंपाउंडिंग आवेदन पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त अननुपालन के लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1069 |