भारतीय रिज़र्व बैंक ने विलेज फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया, कोलकता - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने विलेज फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया, कोलकता
12 अगस्त 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने विलेज फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया, कोलकता भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 11 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा विलेज फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड, कोलकता (दि कंपनी) पर "भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016” के कुछ प्रावधानों का अननुपालन के लिए ₹5 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 को विलेज फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड की वित्तीय स्थिति के आधार पर किए गए सांविधिक निरीक्षण से सांविधिक निदेशों के अननुपालन सहित अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि संदिग्ध लेनदेन की प्रभावी पहचान और रिपोर्टिंग के लिए एक मजबूत सॉफ्टवेयर स्थापित करने में कंपनी विफल रही। उक्त के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी उक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण और उसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण की जांच पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई के उक्त निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/684 |