भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि से वित्तीय सहायता के लिए आवेदनों की दूसरी श्रृंखला का आमंत्रण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि से वित्तीय सहायता के लिए आवेदनों की दूसरी श्रृंखला का आमंत्रण
8 अक्टूबर 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि से वित्तीय सहायता भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता (डीईए) निधि से वित्तीय सहायता अनुदान के लिए संस्थाओं, संगठनों और संघों के पंजीकरण के लिए नए आवेदनों की दूसरी श्रृंखला के लिए आमंत्रित किया। रिज़र्व बैंक ने पात्र संस्थाओं द्वारा भरी जाने वाली अपेक्षित शर्तों से संबंधित प्रावधानों को भी संशोधित किया है और समिति के निर्णय की प्रक्रिया से संबंधित कुछ पहलुओं [मानदंडों पर दिशानिर्देशों के पैरा II.3 (ख), II.3(ग), और II.9(क)(2)] को भी पहली श्रृंखला में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राप्त 90 आवेदनों के मूल्यांकन में प्राप्त अनुभव के आधार पर संशोधित किया है। संशोधित दिशानिर्देश अनुलग्नक –I में दिए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता (डीईए) निधि से वित्तीय सहायता अनुदान के लिए संस्थाओं, संगठनों और संघों के पंजीकरण के लिए मानदंडों पर दिशानिर्देश 9 जनवरी 2015 को अपनी वेबसाइट पर जारी किए थे। प्राप्त आवेदनों की संवीक्षा के आधार पर 20 संस्थाओं को पंजीकरण के लिए उचित पाया गया। जमाकर्ता जागरूकता प्रयासों को व्यापक और गहन बनाने की आवश्यकता के साथ अब यह निर्णय लिया गया है कि नए आवेदनों की दूसरी श्रृंखला की मांग की जाए। आवेदन कैसे किया जाना है? पात्र संस्थाएं आवेदन फार्म में दर्शाए गए दस्तावेजों की सूची के अनुसार आवश्यक दस्तावेजों/सूचना के साथ अनुलग्नक-II के रूप में दिए गए निर्धारित फार्मेट में मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, 12वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई 400 001 को 8 जनवरी 2016 को कारोबार समाप्त होने या इससे पहले अपना आवेदन कर सकती हैं। जिन संस्थाओं ने 9 जनवरी 2015 की प्रेस प्रकाशनी के अनुसार पहली श्रृंखला में पंजीकरण हेतु अपने आवेदन प्रस्तुत किए थे, वे दूसरी श्रृंखला में पंजीकरण के लिए आवेदन करने हेतु पात्र नहीं हैं। पृष्ठभूमि बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2012 के अनुसरण में बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 में धारा 26ए शामिल की गई है। यह धारा रिज़र्व बैंक को जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता (डीईए) निधि नामक निधि स्थापित करने की शक्ति प्रदान करती है। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 21 जनवरी 2014 को आमजनता के परामर्श के लिए जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता (डीईए) निधि योजना, 2014 का प्रारूप अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया था। प्रारूप मानदंडों पर प्राप्त टिप्पणियों और सुझावों के आधार पर इस योजना को बनाकर 24 मई 2014 को सरकार राजपत्र में अधिसूचित किया गया। इस योजना में संस्थाओं, संगठनों और संघों को पंजीकृत करने तथा जमाकर्ताओं के हितों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। फिर रिज़र्व बैंक ने इस योजना के अंतर्गत डीईए निधि से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए संस्थाओं, संगठनों और संघों को पंजीकृत करने हेतु प्रारूप मानदंड तैयार किए और इन्हें आमजनता की राय के लिए 28 अक्टूबर 2014 को जारी किया गया। प्रारूप मानदंडों पर प्राप्त टिप्पणियों और सुझावों के आधार पर डीईए निधि से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए संस्थाओं, संगठनों और संघों को पंजीकृत करने हेतु मानदंडों पर दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया और 9 जनवरी 2015 को रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/858 |