RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

113724433

भारतीय रिज़र्व बैंक ने संशोधित फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 के तहत विनियम जारी किए

20 जनवरी 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने संशोधित फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011
के तहत विनियम जारी किए।

भारत सरकार ने हाल ही में फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 ("अधिनियम") में संशोधन किया है, जो फैक्टरिंग व्यवसाय कर सकने वाली कंपनियों के दायरे को बढ़ाता है। यह अधिनियम व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (ट्रेड्स) को परिचालन दक्षता के दृष्टिकोण से फैक्टर की ओर से केंद्रीय रजिस्ट्री में प्राप्य लेनदेन के समनुदेशन का विवरण को दर्ज करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, यह अधिनियम भारतीय रिज़र्व बैंक को पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने के तरीके को निर्धारित करने के लिए विनियम बनाने और फैक्टर की ओर से ट्रेड्स द्वारा प्राप्य लेन-देन के समनुदेशन को दर्ज करने के तरीके को निर्धारित करने का अधिकार देता है।

उक्त अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विनियम जारी किए हैं:

क. फैक्टर का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022 जिन्हे 14 जनवरी, 2022 को जारी अधिसूचना सं विवि.विसंअ.080/मुमप्र (जेपीएस) - 2022 द्वारा जारी किया गया है। (आधिकारिक राजपत्र - असाधारण - भाग-III, खंड 4 में दिनांक 17 जनवरी, 2022 को प्रकाशित)।

ख. प्राप्तियों के समनुदेशन का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022 जिन्हे दिनांक 14 जनवरी, 2022 को जारी अधिसूचना सं. विवि.विसंअ.081/ मुमप्र (जेपीएस) - 2022 द्वारा जारी किया गया है। (आधिकारिक राजपत्र - असाधारण - भाग-III, खंड 4 में दिनांक 17 जनवरी, 2022 को प्रकाशित)।

उपर्युक्त उल्लिखित विनियमों के प्रावधानों के तहत, 1,000 करोड़ रुपये और उससे अधिक की आस्ति आकार वाली जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली मौजूदा एनबीएफसी-निवेश और ऋण कंपनी (एनबीएफसी-आईसीसी) को कुछ शर्तों की संतुष्टि के अधीन फैक्टरिंग व्यवसाय करने की अनुमति दी जाएगी। इससे फैक्टरिंग कारोबार करने के लिए पात्र एनबीएफसी की संख्या 7 से बढ़कर 182 हो जाएगी। अन्य एनबीएफसी-आईसीसी भी एनबीएफसी-फैक्टर के रूप में पंजीकृत होकर फैक्टरिंग व्यवसाय कर सकते हैं। पात्र कंपनियां उपर्युक्त अधिनियम के तहत पंजीकरण के लिए रिज़र्व बैंक को आवेदन कर सकती हैं। इसके अलावा, व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (ट्रेड्स) के माध्यम से वित्तपोषित व्यापार प्राप्य के संबंध में, प्राप्तियों के समनुदेशन का विवरण 10 दिनों के भीतर संबंधित ट्रेड्स द्वारा फैक्टर की ओर से केंद्रीय रजिस्ट्री के साथ दर्ज किया जाएगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1576

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?