भारतीय रिज़र्व बैंक ने पीयर-टु-पीयर लेंडिंग पर परामर्श पत्र जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पीयर-टु-पीयर लेंडिंग पर परामर्श पत्र जारी किया
28 अप्रैल 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने पीयर-टु-पीयर लेंडिंग पर परामर्श पत्र जारी किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने पीयर-टु-पीयर लेंडिंग पर सभी इच्छुक पार्टियों और आम जनता के अभिमत/विचार प्राप्त करने के लिए आज अपनी वेबसाइट पर पीयर-टु-पीयर लेंडिंग पर परामर्श पत्र उपलब्ध कराया है। सुझाव/अभिमत ई-मेल से भेजे जा सकते हैं या डाक से मुख्य महाप्रबंधक, गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, दूसरी मंजिल, केंद्र-1, विश्व व्यापार केंद्र, कफ परेड, कोलाबा, मुंबई-400005 को 31 मई 2016 या इससे पहले भेजे जा सकते हैं। पीयर-टु-पीयर लेंडिंग पीयर-टु-पीयर लेंडिंग एक प्रकार की क्राउड फंडिंग है जिसे एक आनलाइन मंच के उपयोग के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जहां बेजमानती ऋण प्रदान करने के लिए उधारदाताओं और उधारकर्ताओं को एक साथ लाया जाता है। उधारकर्ता व्यक्ति या कारोबारी फर्म हो सकता है जिसे ऋण की जरूरत है। उधारदाता भी नैसर्गिक या विधिक व्यक्ति हो सकता है। उधारदाता और उधारकर्ता दोनों द्वारा इस मंच को शुल्क का भुगतान किया जाता है। पीयर-टु-पीयर लेंडिंग मंचों के स्वरूप और उनके द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं के मामले में इनके अनेक प्रकार हैं तथा वैश्विक विनियामकीय पद्धतियां भी भिन्न-भिन्न हैं। वर्तमान में भारत में पीयर-टु-पीयर लेंडिंग मंचों के कार्यसंचालन को नियंत्रित करने के लिए कोई स्पष्ट विनियामकीय ढांचा नहीं है। यह परामर्श पत्र इस क्षेत्र को नियंत्रित करने के पक्ष और विपक्ष को रेखांकित करता है और इस कार्यकलाप को नियंत्रित करने के लिए एक उपयुक्त ढांचे का प्रस्ताव करता है जिसमें न्यूनतम पूंजी, अनुमत कार्यकलाप, अभिशासन की अपेक्षाएं, ग्राहकों से व्यवहार करने के लिए उचित व्यवहार संहिता और आंकड़ों की सुरक्षा शामिल हैं। पृष्ठभूमि यह स्मरण होगा कि वर्ष 2016-17 के पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में यह कहा गया था कि आम जनता के सुझावों के लिए परामर्श पत्र को रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर डाला जाएगा और प्रतिसूचना के आधार पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के परामर्श से पीयर-टु-पीयर लेंडिंग को नियंत्रित करने की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी। संगीता दास प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2520 |