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भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

8 अप्रैल 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 7 अप्रैल 2022 के आदेश द्वारा एक्सिस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी 'ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध', 'भारतीय रिज़र्व बैंक (बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाएं) निदेश, 2016', 'भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 और 'बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष न रखने पर दंडात्मक प्रभार लगाना' पर जारी कुछ निदेशों के अननुपालन के लिए 93 लाख (तिरानवे लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949(अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए आरबीआई द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी संबंधित पत्राचारों की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि बैंक ने निम्नलिखित सीमा तक आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया है (i) स्टॉक ब्रोकरों को स्वीकृत इंट्राडे सुविधाओं के मामले में निर्धारित सीमा का पालन नहीं किया, (ii) ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री में प्रतिबंधात्मक प्रथाओं का पालन किया, (iii) खाता आधारित संबंध स्थापित करते समय, मूल दस्तावेजों के साथ ग्राहकों द्वारा प्रस्तुत आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों की प्रतिलिपि सत्यापित करने में विफल रहा, (iv) एक विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी) के बजाय कई सीआईएफ वाले ग्राहक आईडी के मामले थे, और (v) बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष न रखने के लिए दंडात्मक प्रभार लगाया, जो कि पायी गई कमी की सीमा के सीधे आनुपातिक नहीं था। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और इस निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2022-2023/47

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