भारतीय रिजर्व बैंक ने बाबाजी दाते सहकारी बैंक लिमिटेड, यवतमाल पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिजर्व बैंक ने बाबाजी दाते सहकारी बैंक लिमिटेड, यवतमाल पर मौद्रिक दंड लगाया
21 मई 2021 भारतीय रिजर्व बैंक ने बाबाजी दाते सहकारी बैंक लिमिटेड, यवतमाल भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 21 मई 2021 के आदेश द्वारा बाबाजी दाते सहकारी बैंक लिमिटेड, यवतमाल, महाराष्ट्र (बैंक) पर रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को आय निर्धारण और परिसंपत्ति वर्गीकरण (आईआरएसी), अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) और धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर जारी निदेशों का उल्लंघन / गैर-अनुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पूर्वोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) तथा धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि बैंक की 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 की वित्तीय स्थिति पर आधारित निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को आय निर्धारण और परिसंपत्ति वर्गीकरण (आईआरएसी), अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) और धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर जारी निदेशों का उल्लंघन / गैर-अनुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया। बैंक के उत्तर और वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन नहीं करने के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/257 |