भारतीय रिज़र्व बैंक ने डीसीबी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डीसीबी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
28 अक्तूबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने डीसीबी बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने डीसीबी बैंक लिमिटेड (दि बैंक) पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिनांक 16 नवंबर 2009 के "बैंकों द्वारा, म्यूचुअल फंड / बीमा आदि उत्पादों का विपणन / वितरण" संबंधी परिपत्र में उल्लिखित निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए दिनांक 28 अक्तूबर 2020 के आदेश द्वारा ₹22 लाख (बाईस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) संबंधी चूक से संबंधित मामले में रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक की पैरा-बैंकिंग गतिविधि से संबंधित रिकॉर्ड का परोक्ष परीक्षण किया गाय था। परोक्ष परीक्षण और संबंधित पत्राचार से पता चलता है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने और अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण का परीक्षण करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/553 |